✨ ईद उल अधा की तकबीर का तर्जुमा और दरूद शरीफ़ ✨

🌟 ईद उल अधा की तकबीर और दरूद शरीफ़ का ज़िक्र इस पवित्र दिन को और बरकत वाला बनाता है। यह लेख आपको तकबीर का तर्जुमा और दरूद शरीफ़ के बारे में बताएगा। 🕋

ईद उल अधा की तकबीर का तर्जुमा

तकबीर का तरीक़ा

तकबीर तश्रीक़ ज़िल हज्ज के 9वें से 13वें दिन पढ़ी जाती है।

“अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर, ला इलाहा इल्लल्लाहु वल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर व लिल्लाहिल हम्द”

तर्जुमा और अहमियत

  • तर्जुमा: “अल्लाह सबसे बड़ा है, कोई माबूद नहीं सिवाय अल्लाह के, और तमाम तारीफ़ अल्लाह के लिए है।”
  • कब पढ़ें? 📢: हर फ़र्ज़ नमाज़ के बाद।

दरूद शरीफ़ का ज़िक्र

दरूद शरीफ़ की अहमियत

दरूद शरीफ़ तकबीर को और बरकत देता है।

“अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिन व अला आलि मुहम्मद…”

कैसे पढ़ें और फ़ायदा

  • कैसे पढ़ें? 📿: तकबीर के बाद 3 या 11 बार दरूद पढ़ें।
  • फ़ायदा 🌟: दरूद से सवाब बढ़ता है।
  • हदीस 📚: “दरूद से दुआ क़बूल होती है।” (तिर्मिज़ी)

तकबीर और दरूद शरीफ़: एक नज़र

स्टेपक्या करें?दरूद शरीफ़ का रोल
तकबीरतकबीर तश्रीक़दरूद से बरकत बढ़ती है 🌟
नमाज़फ़र्ज़ नमाज़ के बाददरूद से इबादत पूरी होती है 🙏
ज़िक्रबुलंद आवाज़ मेंदरूद से रूहानियत बढ़ती है 🕊️
निय्यतअल्लाह की बड़ाईदरूद से सवाब बढ़ता है 📿

निष्कर्ष : ईद उल अधा की तकबीर का तर्जुमा

ईद उल अधा की तकबीर और दरूद शरीफ़ इबादत को रौशन करते हैं। इस बक़रा ईद, तकबीर का तर्जुमा सीखें और दरूद शरीफ़ के साथ सवाब बढ़ाएँ! 🕌

Leave a Comment