✨ ईद उल अधा के वज़ीफ़े और दरूद शरीफ़ का ज़िक्र ✨

🌟 ईद उल अधा, यानी बक़रा ईद, इबादत और क़ुरबानी का त्योहार है। इस दिन के वज़ीफ़े और दरूद शरीफ़ का ज़िक्र करना रूहानी सुकून और अल्लाह की रहमत का ज़रिया है। यह लेख आपको बक़रा ईद के वज़ीफ़ों और दरूद शरीफ़ के ज़िक्र का तरीक़ा बताएगा। 🕋

ईद उल अधा के वज़ीफ़े

स्टेप-बाय-स्टेप गाइड

वज़ीफ़े ईद के दिन की इबादत को और बरकत वाला बनाते हैं। नीचे एक आसान वज़ीफ़ा दिया गया है:

  • फ़ज्र नमाज़ के बाद 🕋: फ़ज्र नमाज़ के बाद 11 बार सूरह इख़लास पढ़ें।
  • क़ुरबानी के वक़्त 🐐: क़ुरबानी से पहले या बाद में “या अल्लाहु या सलाम” 100 बार पढ़ें।
  • ईद नमाज़ के बाद 🕌: 100 बार “सुब्हानअल्लाह” और “अलहम्दुलिल्लाह” का ज़िक्र करें।
  • रात का वज़ीफ़ा 🌙: इशा नमाज़ के बाद 11 बार सूरह फातिहा पढ़ें और अल्लाह से दुआ माँगें।
  • निय्यत 🙏: हर वज़ीफ़ा शुरू करने से पहले निय्यत करें कि यह अल्लाह की रज़ा के लिए है।

दरूद शरीफ़ का ज़िक्र

दरूद शरीफ़ और इसका फ़ायदा

दरूद शरीफ़ ईद के वज़ीफ़ों का अहम हिस्सा है। यह है एक सादा दरूद:

“अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिन व अला आलि मुहम्मद…”

कैसे पढ़ें और फ़ायदा

  • कैसे पढ़ें? 📿: हर वज़ीफ़े के शुरू और आख़िर में 3 या 11 बार दरूद शरीफ़ पढ़ें।
  • फ़ायदा 🌟: दरूद शरीफ़ से दुआ क़बूल होती है और वज़ीफ़े का सवाब बढ़ता है।
  • हदीस रेफरेंस 📚: रसूलुल्लाह (स.अ.व.) ने फ़रमाया, “दरूद पढ़ने से अल्लाह तुम्हारे लिए 10 नेकियाँ लिखता है।” (सहीह मुस्लिम)

वज़ीफ़े और दरूद शरीफ़: एक नज़र

वज़ीफ़ाक्या पढ़ें?दरूद शरीफ़ का रोल
फ़ज्रसूरह इख़लासवज़ीफ़े से पहले दरूद पढ़ें 🕊️
क़ुरबानीया अल्लाहु या सलामदरूद शरीफ़ से सवाब बढ़ता है 🌟
ईद नमाज़सुब्हानअल्लाहदरूद के ज़िक्र से दुआ क़बूल होती है 🙏
रातसूरह फातिहादरूद के साथ वज़ीफ़ा पूरा होता है 📿

निष्कर्ष

ईद उल अधा के वज़ीफ़े और दरूद शरीफ़ का ज़िक्र करना इस त्योहार को रूहानी तौर पर और मक़सद वाला बनाता है। इस बक़रा ईद, वज़ीफ़ों पर अमल करें और दरूद शरीफ़ के साथ अपनी दुआओं को रौशन करें! 🕌

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