🌟 “Barakah bhari dekhne ki niyyat ke saath…” ✨
🌙 तारीकियों में रौशनी की किरण – हर अमल को रूहानी बनाएँ 🕯️
हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में TV देखना एक आम बात है। लेकिन अगर इस दुनियावी काम को भी हम इबादत के रंग में ढाल दें, तो यह भी सवाब का ज़रिया बन सकता है।
📿 इसलिए हम आपके लिए लाए हैं:
“TV Dekhne Se Pehle Padha Jane Wala Ek Khaas Darood Sharif” 🕊️
☝️ एक ख़ास दुआ और दरूद शरीफ़ ✨
📖 अरबी (Arabic):
اَللّٰهُمَّ صَلِّ عَلٰى سَيِّدِنَا مُحَمَّدٍ وَّ عَلٰى آلِ سَيِّدِنَا مُحَمَّدٍ وَّ بَارِكْ عَلٰى مَا نَنْظُرُ وَ اجْعَلْهُ خَيْرًا لَّنَا فِي الدُّنْيَا وَ الْآخِرَةِ
📝 हिंदी उच्चारण:
अल्लाहुम्मा सल्लि अला सय्यिदिना मुहम्मदिं व अला आलि सय्यिदिना मुहम्मदिं व बारिक अला मा ननज़ुरु वजअल्हु खैरन लना फिद्दुन्या वल आखिरा।
🔡 Transliteration (Hinglish):
Allahumma Salli Ala Sayyidina Muhammadin wa Ala Aali Sayyidina Muhammadin wa Barik Ala Ma Nanzuru waj’alhu Khairan Lana Fid Dunya Wal Aakhirah
📘 हिंदी अनुवाद:
“ऐ अल्लाह! हमारे सरदार मुहम्मद ﷺ पर और उनकी आल पर रहमत भेज, और जो कुछ हम देखें उस पर बरकत नाज़िल फरमा, और उसे हमारे लिए दुनिया और आखिरत में बेहतर बना दे।” 🤲
📚 मायने, सियाक-ओ-सबाक और पस-ए-मंज़र 💭
🏷️ हिस्सा | 📖 मायने |
---|---|
اللّٰهُمَّ صَلِّ عَلٰى سَيِّدِنَا مُحَمَّدٍ… | ऐ अल्लाह! हमारे नबी ﷺ पर रहमत भेज |
وَ عَلٰى آلِ سَيِّدِنَا مُحَمَّدٍ | उनकी पवित्र आल (परिवार) पर भी |
وَ بَارِكْ عَلٰى مَا نَنْظُرُ | जो हम देख रहे हैं, उस पर बरकत दे |
وَ اجْعَلْهُ خَيْرًا لَّنَا | उसे हमारे लिए भलाई का सबब बना |
فِي الدُّنْيَا وَ الْآخِرَةِ | दुनिया और आख़िरत – दोनों में |
🕊️ यह दुआ न सिर्फ़ दरूद है, बल्कि एक ख़ास दुआ है जो हमें TV देखते वक़्त अल्लाह की याद से जोड़ती है।
💎 इस दुआ की ख़ास अहमियत और फायदे 🌈
🔖 TV देखने का यह दरूद शरीफ़ क्यों पढ़ें?
- ✅ ⏳ वक़्त में बरकत के लिए
हम जो देखें, वो हमारे लिए फायदे का सबब हो। - ✅ 🧠 कंटेंट चुनने में हिदायत मिले
हम हराम या बेहूदा चीज़ों से बचें। - ✅ 🌙 हर काम को अल्लाह की याद से जोड़ें
TV देखना भी इबादत जैसा बन जाए। - ✅ 🤍 रूहानी सुकून और रज़ा
गुनाह से हिफ़ाज़त और दिल को सुकून। - ✅ 🏆 सवाब की उम्मीद
हर बार जब दरूद पढ़ा जाए, तो अल्लाह 10 रहमतें भेजता है।
📺 हम क्या देखते हैं – इसका असर क्या होता है? 🧩
🔍 हमारा देखने का रवैया | 🌿 असरात (परिणाम) |
---|---|
इल्म वाला प्रोग्राम 📚 | दिमाग़ी तरक्की 🧠 |
दीनी प्रोग्राम 🕌 | ईमान में मज़बूती ✨ |
बेअदबी या हराम कंटेंट 🚫 | दिल की सख्ती ❌ |
फैमिली वैल्यूज वाला शो 👨👩👧👦 | रिश्तों में मिठास 🍯 |
📌 हर चीज़ जो आंख देखती है, वो दिल पर असर डालती है।
🌟 कुरआन से रौशनी 🕯️
📖 Surah Al-Ahzab (33:56)
إِنَّ ٱللَّهَ وَمَلَـٰٓئِكَتَهُۥ يُصَلُّونَ عَلَى ٱلنَّبِىِّ ۚ
“बेशक अल्लाह और उसके फ़रिश्ते नबी ﷺ पर दरूद भेजते हैं, ऐ ईमान वालों! तुम भी दरूद और सलाम भेजा करो।”
🌹 एक प्यारा पैग़ाम 💌
🧕🏼 प्यारे दोस्तों!
हर लम्हा जो हम गुज़ारते हैं, वो या तो सवाब का ज़रिया बन सकता है या नुकसान का।
अगर हम TV देखने जैसे आम काम को भी अल्लाह की याद और दरूद से जोड़ लें, तो उसमें भी रूहानी बरकत मिलती है।
✨ तो अगली बार जब भी आप TV ऑन करें:
📿 एक बार दिल से पढ़िए:
“اللهم صل وسلم وبارك على سيدنا محمد وعلى آله وصحبه أجمعين” ❤️
📺 और फिर वही देखें जो दिल को नरम, अकल को रौशन, और ईमान को मजबूत करे।
📋 सारांश टेबल (Quick Summary)
📌 अमल | 🕊️ क्या पढ़ें | 🎁 फायदा |
---|---|---|
TV देखने से पहले | TV वाला दरूद शरीफ़ | बरकत, हिदायत, सवाब |
बेहतरीन कंटेंट देखना | इल्मी, इस्लामी, हलाल | दिल और दिमाग़ को नफ़ा |
हर दिन का routine बनाएं | आदतन दरूद | रोज़ाना सवाब |
🔚 अख़िरी बात 🤲
📢 याद रखिए:
“नियत” का सिलसिला नीयत तक नहीं, असर तक चलता है।
जो कुछ हम देखते हैं, वो सिर्फ आंखें नहीं, दिल भी महसूस करता है।
📺 तो TV भी अब बनेगा ज़रिया —
“नबी ﷺ से मुहब्बत और अल्लाह की रज़ा का!” 💖