🩺 बीमारी के वक़्त दिल अक्सर सुकून और राहत की तलाश करता है। जहां एक तरफ़ इलाज ज़रूरी है, वहीं दुआ भी दिल को सकून और रूह को राहत देती है। इस मुबारक मौक़े पर, एक ख़ास दुरूद शरीफ़ है जिसे दवा लेते वक़्त पढ़ा जा सकता है। यह सिर्फ़ ज़बान की दुआ नहीं बल्कि रूहानी शिफा का ज़रिया है। ✨
🕋 📜 दवा लेने के लिए ख़ास दुरूद शरीफ़
🧕🏼 Arabic (अरबी में):
اللّٰهُمَّ صَلِّ عَلٰى سَيِّدِنَا مُحَمَّدٍ وَ عَلٰى آلِ سَيِّدِنَا مُحَمَّدٍ بِعَدَدِ كُلِّ دَاءٍ وَّ دَوَاءٍ وَّ بَارِكْ وَ سَلِّمْ تَسْلِيْمًا كَثِيْرًا
🗣 Hindi (देवनागरी में):
अल्लाहुम्मा सल्लि अला सय्यिदिना मुहम्मदिन् व अला आली सय्यिदिना मुहम्मदिन् बि अददि कुल्ली दा’इन व दवाइन् व बारिक व सल्लिम तस्लीमन कसीरा
📖 Transliteration (Hinglish):
Allahumma salli ala Sayyidina Muhammadin wa ala aali Sayyidina Muhammadin bi adadi kulli da-in wa dawa-in wa barik wa sallim tasliman kathira
📖 इस दुरूद का हिन्दी अनुवाद:
🧎🏼♂️ “ऐ अल्लाह! हमारे सरदार हज़रत मुहम्मद ﷺ और उनके अहले बैत पर हर बीमारी और उसकी दवा की तादाद के बराबर रहमतें और बरकतें नाज़िल फरमा और बहुत ज़्यादा सलाम भेज।”
📜 मक़सद, मानी और बैकग्राउंड 🌸
🔹 “बि अददि कुल्ली दा’इन व दवाइन्” – यह जुमला बताता है कि हम हर बीमारी और उसकी दवा की गिनती के बराबर रहमतें मांग रहे हैं।
🔹 इसका मक़सद है कि जब हम दवा लें, तो उसे सिर्फ़ तिब्बी इलाज न मानें, बल्कि रूहानी इलाज भी समझें।
🔹 इस दुरूद को पढ़कर हम अल्लाह की मदद और मुहम्मद ﷺ की शफ़ाअत दोनों हासिल करने की कोशिश करते हैं।
🪔 इस दुरूद शरीफ़ की फ़ज़ीलत (अहमियत) और फायदे 🌿
📌 फ़ायदा | 📖 तफ़्सील |
---|---|
✨ शिफा की उम्मीद | हर बीमारी और उसकी दवा की तादाद से रहमत मांगना, इलाज में असर लाने वाला है। |
💞 बरकतें और रहमतें | नबी करीम ﷺ पर दुरूद भेजना, अल्लाह की रहमत को बुलाने का सबसे प्यारा तरीका है। |
🕊 रूहानी सकून | बीमारी के वक़्त दिल को तसल्ली देता है और तवक्कुल पैदा करता है। |
🕌 इबादत में तब्दीली | दवा लेना एक आम काम है, लेकिन दुरूद के साथ वो इबादत बन जाता है। |
🤲 उम्मत के लिए दुआ | इसमें अहले बैत के लिए भी दुआ है, जो कि उम्मत की भलाई की दुआ है। |
💡 याद रखिए:
🔹 इस दुरूद के बारे में हदीस की कोई मुहद्दिस-सनद मुअय्यन नहीं, मगर दुरूद शरीफ़ पढ़ना ख़ुद एक सबसे बड़ा नेकी वाला अमल है।
🔹 बीमारियों में इसे पढ़ना – तवक्कुल, रूहानी राहत, और अल्लाह की रहमत का ज़रिया बन सकता है।
❤️ अमल करने का तरीका: 🩺
🎯 जब भी आप दवा लें:
- पहले “बिस्मिल्लाह” कहें
- फिर दिल से यह ख़ास दुरूद शरीफ़ पढ़ें
- दवा के असर और अल्लाह की रहमत की दुआ करें
- अल्लाह से जल्दी शिफा की उम्मीद रखें
🧎🏼♀️ आख़िरी दुआ:
🕊️ “या अल्लाह! जो भी यह दुरूद शरीफ़ दिल से पढ़े, उसे जल्द से जल्द शिफा अता फरमा, उसकी बीमारी दूर कर और उसके जिस्म व रूह दोनों को सेहत बख़्श।”
✅ नतीजा:
इलाज के साथ दुआ, और दवा के साथ दुरूद – यही है असल इलाज का इस्लामी तरीका।
✨ Insha’Allah, जो भी इस दुरूद को पढ़ेगा, उसे न सिर्फ़ बीमारी से राहत मिलेगी, बल्कि दिल को भी सुकून और ज़िन्दगी में बरकत नसीब होगी।
💠 #DaroodSharif #HealingDua #ShifaKiDua #IslamicMedicine #PropheticBlessings #DuroodForHealth #روحانی_شفا #نبوی_دعائیں